Judicial powers of president of India –
इस लेख में भारतीय राष्ट्रपति की Judicial powers of president of India (राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां) के बारे में बताया गया है।
भारतीय राष्ट्रपति की Judicial powers of president of India (राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां) राष्ट्रपति की अन्य शक्तियों की भाँति ही अत्यंत महत्वूर्ण शक्ति है।
President Judicial powers (राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां)
- राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं|
- संविधान के अनुच्छेद 72 के अनुसार उन्हें किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रतिलंबन , विराम या परिहार करने अथवा दंडादेश के निलंबन,परिहार या लघुकरण की शक्ति प्राप्त है
- सेना न्यायलय द्वारा दिए गए दंड भी इसमें शामिल है |
- अगर किसी व्यक्ति को मृत्युदंड दिया गया हो, तो वे उसे क्षमादान दे सकते हैं या दंड के स्वरुप में परिवर्तन भी कर सकते हैं |
- अनुच्छेद 143 के अनुसार राष्ट्रपति किसी भी ऐसे सार्वजनिक महत्व का प्रश्न उच्चतम न्यायलय को उसकी राय के लिए भेज सकते हैं , जिसमें कानून और तथ्यों का भी प्रश्न उठा सकते हैं |
राष्ट्रपति की अन्य शक्तियां
- (विधायी शक्तियां (Legislative powers),
- कार्यपालिका शक्तियां (Executive powers),
- वित्तीय शक्तियां (Financial powers),
- आपातकालीन शक्तियां (Emergency powers),
- नियुक्ति शक्तियाँ (Appointment powers),
- राजनयिक शक्तियां (Diplomatic powers),
- सैन्य शक्तियाँ (Military powers),
- सैन्य शक्तियाँ (Military powers)
- राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति (Pardoning powers) )
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