List of  missiles in india – भारत की प्रमुख मिसाइलों के बारे में विशेष जानकरी

 missile in India विषय सूची


भारत का मिसाइल शस्त्रागार नई दिल्ली की रक्षा रणनीति में कई उद्देश्यों को पूरा करता है।मौलिक रूप से, इसकी बैलिस्टिक मिसाइल शस्त्रागार पाकिस्तान और चीन दोनों को रोकने के लिए परमाणु हथियार वितरित करने का एक साधन है।आवश्यकता ने भारत को लंबी दूरी की मिसाइलों को विकसित करने और मोबाइल लैंड-आधारित मिसाइलों से परे अपने वितरण प्लेटफार्मों में विविधता लाने के लिए प्रेरित किया है। भारत शिप-और-लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल विकसित कर रहा है, और उसने क्रूज मिसाइल विकास पर रूस के साथ सहयोग किया है।

भारत की विभिन्न मिसाइलें उसकी सुरक्षा प्रणाली का बेहद अहम हिस्सा हैं| इनमें कई जमीन से जमीन तक मार करने वाली मिसाइलें हैं तो कुछ जमीन से हवा में मार करने वाली| भारत के पास समुद्र में से दागी जा सकने वाली मिसाइलें भी हैं| अग्नि मिसाइलें भारतीय मिसाइल प्रणाली की मुख्य रीढ़ है|

 

मिसाइल के प्रकार (List of important missiles in india – Type)

Missile Class Range News
Prithvi(पृथ्वी)-3 missile SRBM 300-350 km Operational
Prithvi(पृथ्वी)-2 missile SRBM 250-350 km Operational
Exocet(एक्सॉस्ट) missile ASCM 40-180 km Operational
Sagarika(सागरिका)/Shaurya(शौर्य) missile SLBM 700 km / 3,500 km In Development
Prithvi(पृथ्वी)-I missile SRBM 150 km Operational
Prahaar(प्रहार) missile SRBM 150 km In Development
Nirbhay(निर्भय) missile Cruise Missile 800-1,000 km In development
Dhanush(धनुष) missile SRBM 250-400 km Operational
BrahMos(ब्रह्मोस) missile Cruise Missile 300-500 km Operational
Agni(अग्नि)-5 missile ICBM 5,000-8,000 km In Development
Agni(अग्नि)-4 missile IRBM 3,500-4,000 km In Development
Agni(अग्नि)-3 missile IRBM 3,000-5,000 km Operational
Agni(अग्नि)-2 missile MRBM 2,000-3,500 km Operational
Agni(अग्नि)-1 missile SRBM 700-1,200 km Operational

(Agni-I missile) अग्नि-I मिसाइल  के बारे में प्रमुख्य जानकारी –

About agni-I missile
About agni-I missile

अग्नि-I मिसाइल (agni-I missile) भारत में स्वदेशी तकनिकी से निर्मित एक मिसाइल है यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में सक्षम एक मिसाइल है तथा साथ ही साथ मिसाइल परमाणु आयुध ले जाने में भी सक्षम है| स्वदेशी तकनिकी से निर्मित अग्नि-1 मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर तक है| अग्नि-I का परिक्षण ओड़िशा के बालासोर से करीब 100 किलोमीटर दूर व्हीलर द्वीप स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज(ITR) से किया गया था|

इस स्वदेशी तकनीक से निर्मित अग्नि-I मिसाइल की लम्बाई 15 मीटर तथा मिसाइल का वजन 12 टन है इसके साथ ही यह मिसाइल एक क्विंटल भार के पारंपरिक तथा परमाणु आयुध ले जाने में समक्ष है। इस मिसाइल की खाशियत है कि इस मिसाइल को रेल व सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचरों से लांच किया जा सकता है| इस मिसाइल में नौवहन प्रणाली का उपयोग किया गया है| जिसकी सहायता से यह सुनिश्चित किया जाता है कि मिसाइल का निशाना अत्यंत सटीक हो|

स्वदेशी तकनिकी से निर्मित अग्नि-I का पहला परिक्षण 25 जनवरी वर्ष 2002 को किया गया था| अग्नि-I को डीआरडीओ की प्रमुख मिसाइल विकास प्रयोगशाला “एडवास्ड सिस्टम्स लैबोरैटरी” (एएसएल) द्वारा रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) हैदराबाद द्वारा एकीकृत किया गया था।

अग्नि-I के बारे में संक्षिप्त जानकारी(list of missiles in india) –

  • अग्नि-I पर काम 1999 में शुरु हुआ था लेकिन परीक्षण 2002 में किया गया| इसे कम मारक क्षमता वाली मिसाइल के तौर पर विकसित किया गया था| यह 700 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है|
  • भारत ने परमाणु क्षमता संपन्न अग्नि-I प्रक्षेपास्त्र का दिसंबर 2011 में फिर से सफल परीक्षण किया| इससे पहले 25 नवंबर 2010 को अग्नि-I मिसाइल का इसी द्वीप से सफल परीक्षण किया गया था|
  • अग्नि-I को पहले ही भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया है लेकिन सेना से जुड़े लोगों के प्रशिक्षण और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए इसका समय-समय पर प्रायोगिक परीक्षण किया जाता है|

 

अग्नि-II के बारे में प्रमुख्य जानकारी(list of missiles in india) –

About agni-II
About agni-II

भारत द्वारा निर्मित मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक मिसाइल है|

इस मध्यवर्ती मिसाइल का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का द्वारा विकसित किया गया है|

यह एक आधुनिक तकनिकी से निर्मित मिसाइल है|

अग्नि-II मिसाइल माध्यम गति की मिसाइल है तथा इस मिसाइल को रेल तथा रोड मोबाइल लांचर से लांच किया जा सकता है|

अग्नि-II मिसाइल की लम्बाई 20 मीटर तथा चौड़ाई 1.3 मीटर है|

यह मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है।

तथा अग्नि-II मिसाइल की मारक क्षमता 2 हजार किलोमीटर तक है|

इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया|

इस मिसाइल को प्रगत (उन्नत) प्रणाली प्रयोगशाला (Advanced Systems Laboratory) हैदराबाद में बनाया गया है|

 

अग्नि-II के बारे में संक्षिप्त जानकारी

  • अग्नि-II मिसाइल जमीन से जमीन तक मार करने वाली अग्नि-2 मिसाइल का व्हीलर आईलैंड से मई 2010 में सफल परीक्षण किया| इससे पहले 2009 में दो बार परीक्षण असफल हो गया था|
  • अग्नि-2 मिसाइल की मारक क्षमता दो हजार किलोमीटर है और ये एक टन तक का पेलोड ले जा सकती है|
  • इसमें अति आधुनिक नेवीगेशन सिस्टम और तकनीक है| ये पेंसिल की आकृति जैसी है|
  • अग्नि-II मिसाइल का सितंबर 2011 में एक बार फिर सफल परीक्षण किया गया| अग्नि-2 मिसाइल भारतीय सेना में शामिल की जा चुकी है|

अग्नि-III के बारे में

Agni-III misisle
Agni-III misisle

अग्नि-III भारत द्वारा निर्मित इंटरमीडिएट-रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है इस मिसाइल का निर्माण भारत ने अग्नि-II के सफल परिक्षण के बाद किया था| भारत द्वारा निर्मित अग्नि-III की मारक क्षमता 3500-5000 km है तथा यह मिसाइल पडोसी देशों में छुपे हुए ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है जिसमे चीन का संघई भी शामिल है| भारत की अग्नि-III मिसाइल की circular error probable (CEP) रेंज 40 मीटर तक है| अग्नि-III का जटिल तथा सटीक मारक क्षमता इसे विश्व की मिसाइल में विशेष स्थान दिलाती है| अग्नि-III को 2011 में सशस्त्र बलों में शामिल किया गया है तथा सशस्त्र बल के विभिन्न उद्देशो की पूर्ति के लिए अग्नि-III मिसाइल का निर्माण किया गया है| US Air Force तथा National Air and Space Intelligence Center (NASIC) की 2017 रिपोर्ट के अनुसार अभी तक अग्नि-III के लगभग 10 लांच सफलता पूर्वक किये गए है|

 

अग्नि-III के बारे में संक्षिप्त जानकारी –

  1. भारत ने परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता वाली मिसाइल अग्नि-3 का पहले 2006 में परीक्षण किया जिसे आंशिक रूप से ही सफल बताया गया|
  2. भारत द्वारा निर्मित अग्नि-III की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है| अग्नि-III मिसाइल जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है.फिर 2007 और 2008 में अग्नि-3 का सफल प्रशेपण किया गया|
  3. अग्नि 3 का चौथा परीक्षण फरवरी 2010 में उड़ीसा के पास व्हीलर आईलैंड में किया गया| 3500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली ये मिसाइल 17 मीटर लंबी है और डायामीटर (व्यास) दो मीटर है| यह मिसाइल 1.5 टन का पेलोड ले जाने में सक्षम है| इस मिसाइल में अति आधुनिक कम्प्यूटर और नेवीगेशन सिस्टम है|

 

अग्नि-IV के बारे में जानकारी

Agni-IV i
Agni-IV

अग्नि-IV मिसाइल भारत द्वारा निर्मित अग्नि संस्करण की चौथी मिसाइल है जो अग्नि सीरीज की एक प्रधान मिसाइल है| इस मिसाइल का निर्माण भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) द्वारा किया गया है| जिन्होंने इस मिसाइल में नयी तकनीक का उपयोग करके इस मिसाइल को भारत की एक कारगर मिसाइल बनाया है|

इस मिसाइल में ठोस प्रणोदन के दो चरण का उपयोग किया गया है| पेलोड के साथ हीट शील्ड का उपयोग किया गया है तथा इस मिसाइल की मारक क्षमता 4000 km तक है| यह मिसाइल की क्षमता इतनी है की अगर इस मिसाइल को भारत के उत्तरी भाग से छोड़ा जाता है तो यह मिसाइल के सभी मुख्य भूभागों को निशाना बना सकता है इसमें चीन का संघई शहर तथा राजधानी बीजिंग भी शामिल है|

 

 

अग्नि-IV मिसाइल के बारे में संक्षिप्त जानकारी –

  1. अग्नि-IV को उड़ीसा के व्हीलर द्वीप से करीब तीन हज़ार किलोमीटर से अधिक दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल अग्नि-4 का सफल प्रक्षेपण नवंबर 2011 को किया गया| इसमें कई तरह की नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है. ये पहली की मिसाइलों से हल्की है|
  2. अग्नि-IV मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लगभग एक हज़ार किलोग्राम के पेलोड क्षमता वाली अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-2 मिसाइल का ही उन्नत रूप है|
  3. अग्नि-IV मिसाइल का बार इसका प्रक्षेपण 2010 में दिसंबर में हुआ था लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से ये सफल नहीं हो पाया था|

 

अग्नि-V के बारे में

भारत द्वारा निर्मित अग्नि-IV मिसाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है इस मिसाइल का निर्माण भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन(DRDO) ने किया है| यह मिसाइल भारत की अग्नि श्रेणी की पांचवीं मिसाइल है| यह मिसाइल भारत द्वारा मूल एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित मिसाइल है| अग्नि-V का निर्माण मुख्यरूप से चीन के खिलाफ परमाणु निरोध हेतु किया गया था| भारत द्वारा निर्मित इस मिसाइल की रेंज 5000 किलोमीटर तक है| यह मिसाइल भारत द्वारा निर्मित अग्नि-III मिसाइल का अपग्रेडेड वर्शन है इस बात की पुष्टि भारत के रक्षा वैज्ञानिक एम. नटराजन ने वर्ष 2007 में की थी|

अग्नि-V के बारे में संक्षित जानकारी

  1. भारत द्वारा निर्मित इस मिसाइल की रेंज 5000 किलोमीटर तक है|
  2. यह मिसाइल भारत द्वारा निर्मित अग्नि-III मिसाइल का अपग्रेडेड वर्शन है|

 

पृथ्वी-I के बारे में

पृथ्वी- I एक छोटी दूरी की, सड़क-मोबाइल, तरल प्रणोदक बैलिस्टिक मिसाइल है।

भारत ने मिसाइल को यूरोपीय सहायता के साथ विकसित किया, और इसकी मोटर और मार्गदर्शन प्रणाली मूल रूप से रूसी एस -75 दिशानिर्देश सतह से हवा में मिसाइल पर आधारित थी।

भारत ने 1983 में मिसाइल विकसित करना शुरू किया|

वर्तमान में यह मिसाइल यह मिसाइल 8.56 मीटर लंबी है तथा व्यास में 1.1 मीटर और वजन 4000 किलो है|

यह मिसाइल सिंगल स्टेज का उपयोग करती है, तरल प्रणोदक इंजन, जो अनिवार्य रूप से अगल-बगल दो तरल प्रणोदक मोटर्स है जो वायुगतिकीय नियंत्रण के साथ-साथ जोरदार वेक्टरिंग प्रदान करते हैं|

जब यह 30 किमी की ऊँचाई तक पहुँचता है यह इंजन नियंत्रण मिसाइल को चढ़ाई को रोकने की अनुमति देता है कि यह इस ऊंचाई पर क्षैतिज रूप से यात्रा करें, और 80 ° के कोण पर अपने लक्ष्य पर गोता लगाएँ।

इस मिसाइल की न्यूनतम सीमा 40 किमी और अधिकतम 150 किमी है

प्रमुख्य तथ्य –

    1. मिसाइल में 150 किमी पर लक्ष्य के खिलाफ 50 मीटर सीईपी की सटीकता है वर्तमान में यह मिसाइल एक जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करता है।
    2. इसका पेलोड 1000 किलोग्राम तक का एक बार ले जाने में सक्षम है| प्राप्त जानकरी के अनुसार मई 1998 में भारत के परमाणु परीक्षणों के बाद, मिसाइल को संभवतः 1, 5, या 12 से 20 kT उपज के साथ छोटे परमाणु वारहेड की श्रेणी में रखा गया था, और इसका वजन लगभग 250 से 300 किलोग्राम था। HE प्रवेश, HE सबमिशन, फ्यूल-एयर विस्फोटक और केमिकल वॉरहेड्स को भी मिसाइल में फिट किए जाने की संभावना है।
    3. इस मिसाइल को Transporter-Erector-Launcher (TEL) vehicle के द्वारा लांच किया गया था| तथा पूर्व-उड़ान ईंधन और विभिन्न सहायक कार्यों के कारण लॉन्च के लिए एक मिसाइल तैयार करने में लगभग दो घंटे लगते हैं|
    4. इसके लांच हेतु दो टेली वाहनों को औसतन अठारह समर्थन वाहनों की आवश्यकता होती है, जिसमें वॉरहेड कैरियर, बिजली आपूर्तिकर्ता, ईंधन वाहक, क्रेन और अन्य शामिल होते हैं|
    5. इसकी छोटी रेंज और कम पेलोड इसे रणनीतिक लक्ष्यों के खिलाफ इस्तेमाल करने से रोकते हैं। हालांकि, मिसाइल की उच्च सटीकता इसे दुश्मन के सैन्य ठिकानों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाने में सक्षम बनाती है, जिससे यह एक युद्ध का हथियार बन जाता है|
    6. पृथ्वी- I की पहली परीक्षण उड़ान 1988 में थी परन्तु आधिकारिक रूप से 1994 में इसे सेवा में शामिल किया गया|

पृथ्वी-II के बारे में जानकारी

पृथ्वी-II भारत द्वारा निर्मित एकल चरण तरल ईंधन द्वारा चलित मिसाइल है|

भारत द्वारा निर्मित इस मिसाइल की अधिकतम क्षमता 500 किलोग्राम है तथा इस मिसाइल की क्षमता को 250 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है|

इस मिसाइल का निर्माण भारतीय वायुसेना के साथ किया गया था जो इस मिसाइल का उपयोग सैन्य कार्यक्रम के तहत करती है|

पृथ्वी-II मिसाइल का पहला परिक्षण 27 जनवरी 1996 में किया गया था

इस मिसाइल का निर्माण कार्य 2004 में पूरा हुआ था तथा इस संस्करण को सेना में भी शामिल किया गया है|

परिक्षण के तहत मिसाइल को 350 km तक लांच किया गया था इस मिसाइल के पथ प्रदर्शन(navigation) में inertial navigation system के उपयोग से सटीकता आई है|

पृथ्वी-II मिसाइल को विशेषता है कि यह मिसाइल किस भी anti-ballistic missiles की नष्ट करने में सक्षम है|

Missile in India प्रमुख्य तथ्य –

  1. पृथ्वी-II मिसाइल को भारतीय सामरिक बल कमान(Strategic Forces Command) में 2003 में शामिल किया गया था|
  2. 24 September 2010 में असफल परिक्षण के बाद यह पहली मिसाइल है इसे Integrated Guided Missile Development कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया था|

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