भारतीय संविधान से सम्बंधित राजनैतिक शब्दावली (Political terminology related to Indian constitution) राजनैतिक शब्दावली की सूचि (Political terminology List)- अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) निंदा प्रस्ताव(Censure Motion) स्थगन प्रस्ताव(Adjournment Motion) ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Notice) आधे घंटे की चर्चा(Half-An-Hour Discussion) अल्पकालीन चर्चाएं (Short Duration Discussions) शून्य काल(Zero Hour) अल्प सूचना प्रश्न(Short-Notice Question) तारांकित प्रश्न (Starred Question) …
अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion)
अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) –
अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) हेतु संसदीय शासन में मंत्रिमंडल तभी तक पदासीन रहती है,जब तक उसे लोकसभा के बहुतमत का समर्थन हो| यदि लोकसभा मंत्रिपरिषद या कार्यपालिका से असंतुष्ट है , तो वह उसके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) ला सकती है| इस प्रस्ताव पर लोकसभा के 1/10 सदस्यों का अनुसमर्थन चाहिए| इसे लोकसभा में प्रस्तुत किये जाने के बाद यदि लोकसभा का बहुमत इसे स्वीकार करता है,तो कार्यपालिका बर्खास्त हो जाती है| वास्तव में यह कार्यपालिका के नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण साधन है| इसका उल्लेख लोकसभा के प्रक्रिया एवं कार्य सञ्चालन नियम 198 में किया गया है| अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) प्रयोग सर्वप्रथम 1962 में किया गया था|
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निंदा प्रस्ताव(Censure Motion) –
‘निंदा प्रस्ताव’ का उल्लेख प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 184 से 189 तक में किया गया है| निंदा प्रस्ताव में निंदा का कारण बताना जरुरी है | यदि लोकसभा अध्यक्ष यह समझाता है की प्रस्ताव निंदा करने लायक है, तो वह इसे स्वीकृति दे सकता है| इस प्रस्ताव द्वारा सदन के सदस्य किसी मंत्री या पूरी मंत्रिपरिषद के किसी कार्य की निंदा करते है| इसमें सदस्यों द्वारा रोष व्यक्त किया जाता है तथा उसकी विफलता को निंदा का आधार बनाया जाता है| इस प्रस्ताव का उद्देश्य कार्यपालिका को सजग करना भी है| यह एक साधारण प्रस्ताव है|
स्थगन प्रस्ताव(Adjournment Motion) –
‘स्थगन प्रस्ताव’ सार्वजनिक महत्व के विषयों से सम्बन्ध है| यह प्रस्ताव सांसद के दोनों सदनों में लाया जा सकता है| यदि स्थगन प्रस्ताव लाया जाता है, तो उक्त तिथि को दस बजे से पहले अध्यक्ष को सूचित करना पड़ता है| यदि अध्यक्ष सहमत है तो उसकी स्वीकृति से स्थगन प्रस्ताव लाया जा सकता है| इसे प्रस्तुत करने से पहले अध्यक्ष उसे सदन की अनुमति लेने को भी कह सकता है| यदि संसद के दोनों सदनों का सत्र चल रहा हो एवं कोई सार्वजनिक महत्व की घटना हो जाये, तो इस प्रस्ताव द्वारा सदन के सदस्य लोकसभा के नियमित काम को रोक कर, उस लोक महत्व के प्रश्न पर चर्चा करते है|
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Notice) –
‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव(Calling Attention Notice)’ का प्रयोग भारत में 1954 से हो रहा है| प्रक्रिया व कार्य संचालन नियम 197 में इसकी चर्चा है| इस प्रस्ताव द्वारा सदन के सदस्य सरकार का ध्यान लोक महत्व के उस विषय की ओर दिलाते है, जो बहुत जरुरी होता है| इस प्रस्ताव की सूचना भी उक्त तिथि को 10 बजे दिन से पूर्ण लोकसभा के अध्यक्ष को देनी होता है| अध्यक्ष अनुमति के बाद ही प्रस्ताव पेश किया जाता है| इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का आधार समाचार पत्रों में छापी घटनाएं आदि होती हैं|
आधे घंटे की चर्चा(Half-An-Hour Discussion)–
यह प्रस्ताव ऐसे प्रश्न पर उत्पन्न होता है, जिसका उत्तर सदन में पहले से ही दिया जा चूका है| आधे घंटे की चर्चा का सम्बन्ध भी लोक महत्व के प्रश्न से होता है| कार्य सञ्चालन नियम की धारा 55 में इसका उल्लेख है| यह चर्चा सदन की समाप्ति से ठीक आधे घंटे पहले शुरू की जाती है| यदि इस प्रस्ताव की सूचना लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा के सभापति के कम-से-कम तीन दिन पूर्व देनी पड़ती है|