भारतीय संविधान से सम्बंधित राजनैतिक शब्दावली (Political terminology related to Indian constitution) राजनैतिक शब्दावली की सूचि (Political terminology List)- अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) निंदा प्रस्ताव(Censure Motion) स्थगन प्रस्ताव(Adjournment Motion) ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Notice) आधे घंटे की चर्चा(Half-An-Hour Discussion) अल्पकालीन चर्चाएं (Short Duration Discussions) शून्य काल(Zero Hour) अल्प सूचना प्रश्न(Short-Notice Question) तारांकित प्रश्न (Starred Question) …
स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion) | Political terminology
स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion)
‘स्थगन प्रस्ताव’ सार्वजनिक महत्व के विषयों से सम्बन्ध है| यह प्रस्ताव सांसद के दोनों सदनों में लाया जा सकता है| यदि स्थगन प्रस्ताव लाया जाता है, तो उक्त तिथि को दस बजे से पहले अध्यक्ष को सूचित करना पड़ता है| यदि अध्यक्ष सहमत है तो उसकी स्वीकृति से स्थगन प्रस्ताव लाया जा सकता है| इसे प्रस्तुत करने से पहले अध्यक्ष उसे सदन की अनुमति लेने को भी कह सकता है| यदि संसद के दोनों सदनों का सत्र चल रहा हो एवं कोई सार्वजनिक महत्व की घटना हो जाये, तो इस प्रस्ताव द्वारा सदन के सदस्य लोकसभा के नियमित काम को रोक कर, उस लोक महत्व के प्रश्न पर चर्चा करते है|
Other Political terms
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Notice)
‘ध्यानाकर्षण प्रस्ताव(Calling Attention Notice)’ का प्रयोग भारत में 1954 से हो रहा है| प्रक्रिया व कार्य संचालन नियम 197 में इसकी चर्चा है| इस प्रस्ताव द्वारा सदन के सदस्य सरकार का ध्यान लोक महत्व के उस विषय की ओर दिलाते है, जो बहुत जरुरी होता है| इस प्रस्ताव की सूचना भी उक्त तिथि को 10 बजे दिन से पूर्ण लोकसभा के अध्यक्ष को देनी होता है| अध्यक्ष अनुमति के बाद ही प्रस्ताव पेश किया जाता है| इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का आधार समाचार पत्रों में छापी घटनाएं आदि होती हैं|
आधे घंटे की चर्चा (Half-An-Hour Discussion) –
यह प्रस्ताव ऐसे प्रश्न पर उत्पन्न होता है, जिसका उत्तर सदन में पहले से ही दिया जा चूका है| आधे घंटे की चर्चा का सम्बन्ध भी लोक महत्व के प्रश्न से होता है| कार्य सञ्चालन नियम की धारा 55 में इसका उल्लेख है| यह चर्चा सदन की समाप्ति से ठीक आधे घंटे पहले शुरू की जाती है| यदि इस प्रस्ताव की सूचना लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा के सभापति के कम-से-कम तीन दिन पूर्व देनी पड़ती है|
अल्पकालीन चर्चाएं (Short Duration Discussions) –
ये चर्चाएं संसद के दोनों सदनों में उठाई जाती है| अल्पकालीन चर्चाओं का सम्बन्ध भी अविलंबनीय कार्य एवं प्रक्रिया सञ्चालन अधिनियम 193 में किया गया है| ऐसी चर्चा की सूचना दो सदस्यों के समर्थन में महासचिव को दी जाती है| उसके बाद अध्यक्ष की स्वीकृति से चर्चा की जाती है| यदि अध्यक्ष इंकार कर दे, तो प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है| यह सदन की बैठक की समाप्ति से आधे या एक घंटे पहले शुरू की जा सकती है| इस प्रस्ताव के उत्तर में मंत्री को उत्तर देना पड़ता है|