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Som vansh (सोमवंश) in CG - Chhattisgarh history notes
Chhattisgarh history

Som vansh (सोमवंश) in CG – Chhattisgarh history notes

Som vansh (सोमवंश) in CG – Chhattisgarh history notes  – छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास (सोमवंश ) सोम वंश (som vansh) का शासन छत्तीसगढ़ के कांकेर राज्य में 1125 ई. से 1344 ई. तक था। सिंहराज इस वंश के संस्थापक थे। कुछ इतिहास कार द्वारा माना जाता है की सोम वंश पाण्डु वंश की एक शाखा …

Bhoramdeo Temple
Chhattisgarh Chhattisgarh history Temple Travel

Bhoramdeo Temple (भोरमदेव) | Chhattisgarh History in Hindi

Bhoramdeo (भोरमदेव) मंदिर भोरमदेव (Bhoramdeo) भगवान शिव को समर्पित हिंदू मंदिरों का एक परिसर जो भारत के छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्थित है। इसमें चार मंदिरों का एक समूह शामिल है जो ईंट से बने नवीनतम मंदिरों से एक है। इसका प्रमुख मंदिर पत्थरों से बनाया गया है | कामुक मूर्तियों के साथ स्थापत्य की विशेषताओं …

bell metal crafts in chhattisgarh
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( Bell metal crafts ) बेलमेटल शिल्प – छत्तीसगढ़ में प्राचीन शिल्पकला

Bell metal (बेलमेटल) तथा शिल्प का छत्तीसगढ़ में विकास (Bell metal crafts) बेल मेटल शिल्प आदिकाल से हड़प्पा मोहनजोदड़ो सभ्यता के समय भी इस प्रकार के शिल्पों का प्रमाण मिला है इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यह शिल्प अत्यधिक प्राचीनतम है। छत्तीसगढ़ समृद्ध संस्कृति और विरासत की भूमि है बेहतरीन संग्रहालयों, दीर्घाओं और …

पं. रविशंकर शुक्ल - Pandit ravishankar shukla in hindi
Chhattisgarh

Pandit ravishankar shukla (पं. रविशंकर शुक्ल) | Chhattisgarh Hindi Notes

Pandit ravishankar shukla (पं. रविशंकर शुक्ल) मध्य प्रदेश के निर्माता के रूप में विख्यात पं. रविशंकर शुक्ल (Pandit ravishankar shukla) का जन्म 2 अगस्त सन् 1877 ई. को सागर में हुआ था. Pandit ravishankar shukla पिताजी का नाम जगन्नाथ प्रसाद तथा माताजी का नाम तुलसी देवी था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सागर में ही हुई. बाद …

Pandu vansh in CG - Chhattisgarh history Hindi notes -छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास
Chhattisgarh Chhattisgarh history

( पाण्डु वंश ) छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास

Pandu vansh in CG – Chhattisgarh history Hindi notes -छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास (पाण्डु वंश ) पाण्डुवंशियों ने शरभपुरीय राजवंश को पराजित करने के बाद श्रीपुर को अपनी राजधानी बनाया। ईस्वी सन छठी सदी में दक्षिण कौसल के बहुत बड़े क्षेत्र में इन पाण्डुवंशियों का शासन था।इस वंश का शासन 6 ई से 7 वी …